आज स्कूल ऑफ फाईन आर्ट्स, आई. पी. एस. अकादमी में मूर्तिकार श्री अमित गंजू सर के द्वारा लेक्चर और डेमोंस्ट्रेशन (Lecdem) प्रस्तुत किया गया। डेमोंस्ट्रेशन में उनके द्वारा लिखी कविता व बनाई गई मूर्तियों के बीच अंतर्संबंध पर व्याख्यान दिया। उनके द्वारा लिखी गई कविता –
‘ज़िल्द’ “ज़िल्द के बाद भी , सफ़ों का हाल ये होता है, बाद मरने के, आदमी अमर होता है। मुकद्दर वालों की , यहां क्या बात करें! सिकंदर भी यहां, बेमुकद्दर होता है।”
अपनी कविता व मूर्तियों में उन्होंने ‘किताब’ को जीवन के प्रतिक के रूप में दिखाया है, वे बताते हैं कि मोटी व मजबूत ज़िल्द के होने के बाद भी समय चलते किताबों के पन्नों की हालत कैसी हो जाती है। इस विचार को उन्होंने अपनी मूर्तियों में भलीभांति दर्शाया है।